
पवन वर्मा ने शून्य काल में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने उच्च सदन में बकाएदारों की पूरी रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि अडाणी ग्रुप नाम के इस समूह पर लगभग 72 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों पर ऐसे लोगों को लोन देने के लिए दबाव डाला जाता है जो कर्ज चुका पाने में सक्षम नहीं हैं। सरकारी बैंकों का लगभग 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है। गुजरात में इनके सेज को हाईकोर्ट की बाध्यता के बावजूद मान्यता दी गई।’ राज्य सभा के उपसभापति पीजे कूरियन ने वर्मा को चेताया कि वे आरोप न लगाए। इस पर वर्मा ने कहा,’ मैं आपको तथ्यात्मक जानकारी दे रहा हूं। यह हाईकोर्ट का आदेश है। यूपीए सरकार ने इसे मान्यता नहीं और जब यह सरकार सत्ता में आई तो इसे मान्यता मिल गई।’