नई दिल्ली। भारत में महिलाओं पर होने वाले उत्पीड़न और हिंसा को लेकर जारी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पांच में चार यानी करीब 79 फीसद महिलाएं सार्वजनिक तौर पर हिंसा और उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। जबकि हर तीसरी यानी करीब 39 फीसद महिलाओं को जबरदस्ती छुआ गया है।
महिला दिवस के लिए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित शहर के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम पर अमेरिका की एक्शन एड ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में महिलाओँ के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न और हिंसा को लेकर आंकड़े पेश किए गए हैं।
यू गवर्नमेंट का ये पोल भारत, ब्राजील, थाईलैंड और यूके के बड़े शहरों में 16 साल और इससे ऊपर की ढाई हजार महिलाओं पर ये सर्वे किया गया है। रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 84 फीसद महिलाएं 25 से 35 की उम्र के बीच उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। इन महिलाओं में 82 फीसद तो फुल टाइम वर्कर थी जबकि 68 फीसद स्टूडेंट।
हैरानी की बात ये है कि ब्राजील में 89 फीसद, थाईलैंड में 86 पीसद और यूके में 75 फीसद महिलाएं चलती राह में उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चारों देशों के शहरों में सबसे कम सामाजिक आर्थिक समूहों की महिलाएं हिंसा औऱ उत्पीड़न की शिकार हुई हैं।
सर्वे में ये भी पाया गया कि यूके(43 फीसद), ब्राजील(70 फीसद) और थाईलैंड(62 फीसद) में महिलाएं सड़कों पर खुद को असुरक्षित समझती है जबकि भारती महिलाएं(65 फीसद) में सार्वजनिक परिवहन में खुद को असुरक्षित समझती है।
एक्शन एड इंडिया के डायरेक्टर(कार्यक्रम और नीति) सेहजो सिंह ने कहा कि हिंसा और उत्पीड़न का डर भारतीय महिलाओं की योग्यता को खासा प्रभावित करता है।