भोपाल। राजधानी में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी पर्यावरण के लिए अभिशाप साबित होने जा रही है। नॉर्थ टीटी नगर जहा पर स्मार्ट सिटी प्रस्तावित है, वहां करीब आठ हजार पेड़ काटना पड़ेंगे। यह आठ हजार पेड़ भोपाल विकास प्रधिकरण (बीडीए) ने रिडेंसीफिकेशन के लिए वन विभाग से कराए गए सर्वे में चिन्हित किए गए हैं।
बीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2011 में शासन ने नॉर्थ टीटी नगर की यह जमीन बीडीए को रिडेंसफिकेशन योजना के तहत सौंपी थी। बीडीए द्वारा कैपिटल प्रोजेक्ट ऐरिया (सीपीए) के तहत फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से कराए गए इस सर्वे के बाद बीडीए ने इन आठ हजार दरख्तों को काटने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को पैसा भी जारी कर दिया है।
नॉर्थ टीटी नगर के इस क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग ने करीब 15 साल पहले अपनी उम्र पूरी कर चुके सरकारी मकानों को गिराना शुरु किया था। आज यह एरिया सपाट और कई जगह पर बंजर हो गया है। इन 15 सालों के दरमियान इस क्षेत्र से हजारों पेड़ों को गैरकानूनी तरीके से पहले ही काटा जा चुका है। अब जब इस क्षेत्र में स्मार्ट सिटी बनाने की औपचारिक घोषणा हो चुकी है तो लाजमी है कि पर्यावरणविदों और आम जनता की नजर हजारों पेड़ों को काटे जाने पर भी जाएगी।