B.ed-D.ed की अनिवार्यता खत्म करो, 5 लाख शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे

भोपाल। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने मान्यता के लिए शिक्षकों के बीएड-डीएड की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है। उनके अनुसार ऐसा न करने से प्रदेश भर में पांच लाख से भी ज्यादा शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। यह मांग प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की सोमवार को हुई बैठक में उठी। यहां स्कूल संचालकों ने शासन को चेतावनी देते हुए आगामी 6 जून को विभिन्न मांगों को लेकर शाहजहांनी पार्क में प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की बात कही है।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत 25 फीसदी निःशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के शुल्क का भुगतान भी समयसीमा में नहीं किया जाता। यही नहीं, रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी ने इस शुल्क में पांच गुना बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में छोटे स्कूलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। छिंदवाड़ा से आए संदीप अग्निहोत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं और 12वीं की सुरक्षा निधि के रूप में 25 हजार और 40 हजार रुपए की राशि जमा करवाई थी, जो अब तक वापस नहीं की गई है। अधिकारियों से बात करो तो वे कुछ बताते भी नहीं हैं।

220 स्कूलों के 20 हजार छात्रों को नहीं किया नियमित
बैठक में स्कूल संचालकों ने कहा कि इस बार मंडल ने 220 स्कूलों के लगभग 20 हजार छात्रों को नियमित से स्वाध्यायी कर दिया। जबकि हमें पहले आश्वासन दिया गया था कि उन्हें नियमित ही रहने दिया जाएगा पर ऐन मौके पर ऐसा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों संचालकों को मान्यता समाप्त करने की धमकी देकर धन उगाही करते हैं। सरकारी कर्मचारी स्कूलों के निरीक्षण के दौरान राशि देने का दबाव बनाते हैं। कहीं इसकी सुनवाई भी नहीं होती है।

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