भोपाल। राज्य सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन (4440-7440) देने की तैयारी कर रही है। यानी अकुशल दैवेभो को 10,074 और उच्च कुशल को 11,607 रुपए वेतन मिलेगा। वित्त विभाग इस प्रस्ताव का परीक्षण कर रहा है। इस निर्णय का लाभ प्रदेश के 55 हजार दैवेभो को मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के दबाव में राज्य सरकार दैवेभो कर्मचारियों को वेतन देने को तैयार तो हो गई है, लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन ही दिया जाएगा। इसके साथ उन्हें महंगाई भत्ता, ग्रेड-पे का लाभ देने का निर्णय हो चुका है लेकिन सालाना वेतनवृद्धि नहीं दी जाएगी। सरकार ने दैवेभो को वेतन देने के लिए 'दैवेभो सेवा शर्तें 2013" के नियम-5 में संशोधन किया है। जिसे कैबिनेट से पारित कराकर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जल संसाधन विभाग का फॉर्मूला
सरकार इस मामले में जल संसाधन विभाग के फॉर्मूले पर चल रही है। विभाग 130 दैवेभो कर्मचारियों को 4440-7440 का वेतनमान दे चुका है। जबकि कर्मचारी उसी संवर्ग में नियमितीकरण चाहते हैं, जिसमें वे पदस्थ हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में 60 फीसदी दैवेभो चतुर्थ श्रेणी और 40 फीसदी तृतीय श्रेणी संवर्ग में सेवाएं दे रहे हैं।
अवमानना से बचने की कोशिश
सरकार अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी से बचने की कोशिश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दैवेभो कर्मचारियों की याचिका पर 21 जनवरी 2015 को इन्हें नियमित करने का फैसला सुनाया था। जब सरकार ने 8 माह तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, तो मप्र कर्मचारी मंच सहित अन्य संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका लगा दी।
इसमें मुख्य सचिव से लेकर 7 विभागों के प्रमुख सचिवों को पार्टी बनाया गया था। 18 मार्च को पहली सुनवाई में सभी अफसरों को कोर्ट में उपस्थित होना पड़ा। अफसरों ने आदेश का पालन करने के लिए कुछ समय मांगा। इस पर कोर्ट ने 25 अप्रैल को हलफनामा पेश करने को कहा था। इसके बाद 13 मई का समय दिया और अब 11 जुलाई को सुनवाई होना है। इस बार कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यह अंतिम सुनवाई होगी, जिसमें सरकार को हलफनामा देकर साफ करना है वह दैवेभो को क्या देगी।
ऐसा रहेगा सेलरी स्ट्रक्चर
अकुशल दैवेभो : 3500-10,000-1100+119 फीसदी डीए - 10,074
अर्द्धकुशल दैवेभो : 3500-10,000-1300+119 फीसदी डीए - 10,512
कुशल दैवेभो : 3500-10,000-1600+119 फीसदी डीए - 11,169
उच्च कुशल दैवेभो : 3500-10,000-1800+119 फीसदी डीए - 11,607