
जबकि कुछ लोग इस फैसले के लेकर कर्मचारी जगत में भ्रम का वातावरण बना रहे है। इस स्थिति को स्पष्ट करने के लिये मोर्चा के पदाधिकारी कर्मचारियों के बीच जायेंगे तथा पदोन्नति में आरक्षण न दिया जायें कि मांग को लेकर 16 मई से प्रांत व्यापी हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे।
अषोक पाण्डेय एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिये मोर्चा ने इंटरवीनर बनने हेतु आवेदन लगाया है और अधिवक्तागण वरूण चौपडा एवं हर्ष पाराषर पैरवी करेंगे।
अशोक पाण्डेय ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश में दलित ऐजेण्डा ला रहे है। उन्होने कहा कि दलित ऐजेण्डा के चलते है पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री दिगविजय सिंह को हार का मुंह देखना पडा था। उन्होने कहा कि आगामी चुनाव में वे मतदान महादान अभियान चलायेंगे ओर सरकार की कारगुजारियॉ कर्मचारियों को बतायेंगे।
लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य सरकार द्वारा लगाई गई याचिका में माननीय सर्वोच्च न्यायालय पहले ही पदोन्नति से आरक्षण समाप्त करने एवं पदावनत करने का निर्णय दे चुका है। उन्होने कहा कि हम पूरी ताकत से अपना पक्ष रखेंगे और हमें न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।
उन्होने कहा कि संवर्ग विशेष के लोग अनावश्यक रैलिया आदि निकाल कर कर्मचारी जगत में नफरत फैलाने का कार्य कर रहे है और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी इसमें सम्मिलित है जो उचित नही है। ऐसे अधिकारियों पर सिविल सेवा कंडक्ट रूल्स के अंतर्गत कार्यवाही की जानी चाहिये।
पत्रकार वार्ता में अशोक पाण्डेय, अनिल बाजपेयी, लक्ष्मीनारायण शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा, कृष्णदेव चतुर्वेदी, अरूण पाण्डेय, भागीरथ विष्वकर्मा, एस.के. शुक्ला, सत्येन्द्र पाण्डेय दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, नईम खान, नन्नू लाल,राजेष शर्मा, अनीस अहमद, भइया मिया आदि उपस्थित थे।