भोपाल। प्रदेश में नायब तहसीलदार के खाली पदों को भरने के लिए सरकार 19 साल बाद विभागीय परीक्षा आयोजित करेगी। इसके लिए राजस्व विभाग ने जूनियर प्रशासकीय सेवा नियम में बदलाव कर दिया है। परीक्षा एमपी ऑनलाइन से कराई जाएगी। इसमें राजस्व निरीक्षक (आरआई), पटवारी कमिश्नर, कलेक्टर और भू-अभिलेख कार्यालय में काम करने वाले बाबू (लिपिक) भी हिस्सा ले सकेंगे। 45 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारी परीक्षा नहीं दे सकेंगे। राजस्व विभाग में तहसीलदार से लेकर पटवारी स्तर के कई पद खाली हैं। पदोन्न्ति में आरक्षण रद्द किए जाने के बाद पदोन्न्तियों को लेकर असमंजस की स्थिति है।
खाली पदों के कारण मैदानी स्तर पर कामकाज में आ रही दिक्कतों को देखते हुए विभाग ने परीक्षा के जरिए खाली पदों को भरने का रास्ता अख्तियार करने का फैसला किया है। राजस्व मंत्री रामपाल सिंह से परीक्षा करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने जूनियर प्रशासकीय सेवा भर्ती व सेवा नियम में परिवर्तन किया है।
इसमें प्रमुख राजस्व आयुक्त को ये अधिकार दिए हैं कि वे साल में एक बार या जैसी परिस्थिति हो, उसके हिसाब से परीक्षा आयोजित करवाएं। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 1997 में आखिरी परीक्षा हुई थी। अभी 272 नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं। परीक्षा के माध्यम से राजस्व निरीक्षक व पटवारी में से 10 प्रतिशत यानी 62 पद भरे जा सकते हैं, जबकि 5 फीसदी पद यानी 31 पद कमिश्नर, कलेक्टर और भू-अभिलेख कार्यालय के लिपिकों के लिए होंगे।
गोपनीय चरित्रावली की भूमिका खत्म- विभाग ने परीक्षा में गोपनीय चरित्रावली (सीआर) को महत्व देने की व्यवस्था भी खत्म कर दी है। अब परीक्षा में मिले नंबरों के आधार पर रिक्त पदों पर नियुक्ति होगी। लिपिक वर्ग से आने वाले नायब तहसीलदारों की वरिष्ठता योग्यता के आधार पर बनने वाले चयन सूची से तय होगी।
वस्तुनिष्ठ होंगे सवाल- परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होंगे। दोनों में 100-100 अंकों के वस्तुनिष्ठ सवाल पूछे जाएंगे। प्रश्न पत्र ढाई घंटे का रखा जाएगा। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा में प्रदेश से जुड़े सामान्य ज्ञान से लेकर विभागीय नियम-कायदों से जुड़े सवाल पूछे जाएंंगे।
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