ग्वालियर। स्कूल कितनी फीस ले रहा है। बस का किराया कितना है। स्कूल द्वारा इनके अलावा अन्य कोई और फीस तो वसूली नहीं जा रही है, इस सबकी निगरानी अब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। ऐसे में कोई भी अशासकीय, निजी एमपी बोर्ड, सीबीएसई या अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल अभिभावकों से मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे।
स्कूल संचालकों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए जल्द ही उनकी फीस को सार्वजनिक किया जाएगा। विभाग जिले के करीब 750 निजी-अशासकीय स्कूलों की फीस को एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करेगा। इसके लिए स्कूल संचालकों को अपने यहां प्रारंभिक कक्षा से आठवीं कक्षा तक ली जाने वाली फीस का संपूर्ण ब्यौरा देना होगा। इस कार्य को 30 मई तक पूर्ण किया जाएगा, ताकि जून माह में फीस से जुड़ी सभी जानकारी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड कराई जा सके।
इस तरह ली जाएगी जानकारी
बीआरसी अपने क्षेत्र के हिसाब से स्कूलों की जानकारी के साथ फीस का ब्यौरा जनशिक्षक के माध्यम से एकत्रित करेंगे। इस रिकॉर्ड की दो कॉपी ली जाएंगी। इसमें स्कूल की फीस और बस के किराया का संपूर्ण विवरण रहेगा। सभी स्कूलों की जानकारी एकत्रित होने के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस सूची के लिए स्कूल संचालकों से दावे-आपत्तियां भी ली जाएंगी। बाद में अंतिम रूप में प्रकाशित सूची सभी बीआरसी कार्यालयों में चस्पा की जाएगी।
अंतिम प्रकाशन के बाद सूची को एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसे अभिभावक स्कूल एजुकेशन पोर्टल पर देख सकेंगे।
ये लाभ होगा
कई बार स्कूल संचालक अभिभावकों से अलग-अलग तरह से फीस वसूलते हैं। इस बात की कई शिकायतें अभिभावकों द्वारा कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को की गई हैं। फीस ऑनलाइन होने के बाद स्कूल संचालक द्वारा विभाग को बताई गई फीस ही लेनी होगी। इसके अतिरिक्त कोई और फीस वह अभिभावकों से नहीं वसूल पाएंगे। साथ ही प्रवेश से पहले अभिभावकों को भी इस बात की पूरी जानकारी रहेगी कि वह अपने बच्चे का एडमिशन जिस स्कूल में करा रहे हैं, उसकी सालाना फीस कितनी है।
अधिकारी बोले
स्कूल संचालकों द्वारा दी गई फीस की जानकारी के बाद कोई भी स्कूल अन्य प्रकार की अतिरिक्त फीस अभिभावकों से नहीं ले सकेगा। अगर वह ऐसा करता है और जांच में सही पाया जाता है, तब उसे कैपिटेशन फीस माना जाएगा। आरटीई एक्ट में कैपिटेशन फीस लेने पर पूर्णतः प्रतिबंध है। उस स्थिति में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसबी.ओझा, सहायक परियोजना समन्वयक ग्वालियर