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बेकरी वाला विजयन सीएम बन गया

तिरूवनंतपुरम। केरल में सीपीएम की अगुवाई वाली नयी एलडीएफ सरकार शपथ ले रही है। सीपीआई पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनराई विजयन केरल के सीएम बनाए गए हैं। गरीब परिवार में जन्‍में विजयन का बचपन मुफलिसी में बीता। उनका परिवार ताड़ी बेचता था और उन्‍होंने 10वीं तक पढ़ाई के बाद आर्थिक तंगी के चलते एक बेकरी में काम किया।

ब्रेनेन कॉलेज से ग्रेजुएशन के साथ ही 60 के दशक में उनका सियासी सफर शुरू हुआ। केरल स्‍टूडेंट फेडरेशन के सदस्‍य बने बाद में यही फेडरेशन माकपा की एसएफआई बनी। उस दौर में विजयन के गुरु अच्‍युतानंद और कुछ अन्‍य नेताओं का झुकाव नक्‍सलवाद की तरफ हुआ जिसके चलते उन्‍हें पार्टी से निकाल दिया गया और विजयन बड़ा चेहरा बनकर उभरे।

1970 में महज 26 साल की उम्र में उन्‍होंने कोठुपरंबा से चुनाव जीता और विधायक बन गए।पांच साल बाद लगी इमरजेंसी में विजयन को भी जेल जाना पड़ा। जेल से छूटने के बाद उन्‍होंने विधानसभा में जो भाषण दिया उससे तात्‍कालीन सरकार को शर्मिंदा होना पड़ा। इसके बाद विजयन 1977, 91 और 99 में फिर विधानसभा पहुंचे जिसके बाद ईके नयनार की सरकार में उर्जा मंत्री बने।

मंत्री रहते उनका नाम एसएनसी लवालिन समझौते में हुए भ्रष्‍टाचार में आया। हालांकि बाद में उन्‍हें क्‍लीन चिट मिल गई। विजयन 1998 से 2015 तक लगातार 17 सालों के लिए माकपा के स्‍टेट सेक्रेटरी बनने का रिकॉर्ड बनाया है। चुनाव से पहले उन्‍होंने नए केरल का नारा दिया और चुनाव जीत कर मुख्‍यमंत्री तक का सफर तय किया।

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