भोपाल। मध्यप्रदेश सामान्य पिछडा वर्ग अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के संरक्षक अशोक पाण्डेय, सह संयोजक अनिल बाजपेयी एवं मध्यप्रदेश सामान्य जाति एवं पिछडावर्ग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महामंत्री एवं प्रवक्ता लक्ष्मीनारायण शर्मा के नेतृत्व में आज मंत्रालय पर सेकडो कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 6 जुलाई 2002 को जारी मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति में आरक्षण नियम 2002 की प्रतियाॅ जलाई और मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंप कर मांग की कि 30 अप्रेल 2016 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जारी निर्णय पदोन्नति में आरक्षण असंवैधानिक एवं पदोन्नति में आरक्षण नही होना चाहिये तथा वर्ष 2002 से 2016 के मध्य पदोन्नति में दिये आरक्षण को वापस लिया जायें का मध्यप्रदेष सरकार अक्षरश: पालन करें।
नेतात्रय ने कहा कि उक्त निर्णय आने के बाद भी कुछ विभागों में पदोन्नति की जा रही है जो माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना है इसको लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अवमानना प्रकरण दायर किया जायेगा साथ ही यदि मध्यप्रदेश सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में उक्त निर्णय के विरूद्ध याचिका लगाती है तो मोर्चा द्वारा भी केवियेट दायर की जायेंगी।
कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कर्मचारी नेता अशोक पाण्डेय ने कहा कि सरकार ने इस प्रकरण में जो ओआईसी श्री कतिया को बनाया गया है उन्हें तुरन्त हटाया जायें तथा माननीय हाईकोर्ट के निर्णय की अवमानना कर पदोन्नति करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायें।
सभा को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि माननीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को संविधान में निहित प्रावधानें के विपरित ठहराते हुए पदोन्नत अधिकारी कर्मचारियों को रिर्वट करने संबंधी निर्णय का अक्षरश: पालन किया जायें। सभा को अनिल बाजपेयी ने भी सम्बोधित किया।
कर्मचारी नेताओं अशोक पाण्डेय, अनिल बाजपेयी एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि यदि सरकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर के 30 अप्रेल के निर्णय का पालन नही करेंगी तो 25 मई से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर कृष्णदेव चतुर्वेदी,अरूण पाण्डेय,भागीरथ विष्वकर्मा,एस.के. शुक्ला, सत्येन्द्र पाण्डेय दिनेष चन्द्र श्रीवास्तव,नईम खान,नन्नू लाल,राजेष शर्मा,अनीस अहमद,भइया मिया आदि सहित बड़ी संख्या में मंत्रालय, सतपुड़ा एवं विध्यंाचल मंें कार्यरत कर्मचारी एवं अधिकारी उपस्थित थे।