राजस्थान में आरक्षण के खिलाफ एतिहासिक प्रदर्शन

जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के बाद यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है। अक्सर शांत रहने वाले दक्षिणी राजस्थान में आरक्षण के खिलाफ आग धधक रही है। लाखों युवा सड़कों पर आ गए हैं। आसपास के कई कस्बे पूरी तरह से बंद हैं। भाजपा के सैंकड़ों पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए। मुख्यमंत्री को अल्टीमेटम देने के लिए 2 किलोमीटर लंबी रैली का आयोजन किया गया। इसमें 1 लाख से ज्यादा युवा शामिल हुए। इस रैली को 'धिक्कार रैली' नाम दिया गया। 

सामान्य और ओबीसी वर्ग के हजारों लोग सड़कों पर
आंदोलनों के मामले में आमतौर पर शांत रहने वाला दक्षिण राजस्थान पहली बार एक बडे आंदोलन के रूप में उबल पड़ा है और सामान्य और ओबीसी वर्ग के हजारों-हजार लोग एक जुट होकर सड़कों पर उतर गए हैं। इस गुस्से का कारण है राज्य सरकार की कमजोर पैरवी के चलते टीएसपी क्षेत्र के स्थानीय अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में वरियता के लिए जारी की गई अधिसूचना को गत दिनों हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किया जाना।

एक लाख से अधिक लोग पहुंचे:
अब तक हजारों युवाओं ने पूर्ववर्ती सरकार की इस अधिसूचना का लाभ लिया था। जब एक ही झटके में इस अधिसूचना को निरस्त करते हुए क्षेत्र के लाखों युवाओं के भविष्य पर संकट के बादल नज़र आने लगे तो जनआक्रोश सागवाड़ा की इस रैली के रूप में नज़र आया। सागवाड़ा के भीखाभाई राजकीय महाविद्यालय परिसर में आयोजित हुई इस धिक्कार रैली में डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर और सिरोही जिलों से 1 लाख से अधिक लोग शामिल हुए और अपने हक के लिए हुंकार भरी।

डूंगरपुर के कई कस्बे रहे बंद:
समानता मंच की धिक्कार रैली को सामान्य और ओबीसी वर्ग के सभी समाजों द्वारा व्यापक समर्थन दिया गया है और आज डूंगरपुर जिले के सागवाडा उपखंड मुख्यालय सहित आसपुर, साबला, बिछीवाड़ा उपखंड मुख्यालयों के साथ जिले के कई बडे कस्बे भी बंद रहे।

भाजपा पदाधिकारी दे रहे इस्तीफे:
धर समानता वर्ग की इस रैली के तहत आयोजित सभा में सामान्य और ओबीसी वर्ग की मांगों के समर्थन में पंचायतीराज संस्थाओं के कई जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा पदाधिकारियों द्वारा इस्तीफे देने की होड़ सी लग गई। मंच से यहां पर जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड पंच सहित जिला, ब्लॉक और इकाई स्तर के भाजपा पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे देने की घोषणा की।

वसुंधरा सरकार को 40 दिन का समय:
धिक्कार रैली की सभा में वक्ताओं ने समानता मंच की ओर से टीएसपी क्षेत्र में नौकरियों में स्थानीय को वरियता को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार को चेताया। पंचायतीराज चुनाव में रोस्टर प्रणाली लागू करते हुए सामान्य और ओबीसी वर्ग को मौका देने, टीएसपी क्षेत्र में सामान्य आयोग की स्थापना, टीएसपी क्षेत्र में एसटी वर्ग की भांति सामान्य और ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रावास की व्यवस्था, स्कूटी देने सहित कई अन्य मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। 

इधर, इस मौके पर समानता मंच के संरक्षक दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगर सरकार 40 दिन में मामले में हल नहीं निकाला तो समानता मंच आने वाले समय में उदयपुर सम्भागीय आयुक्त ऑफिस के बाहर पड़ाव डाला जाएगा। वहीं आने वाले समय में परिणाम भुगत लेने की भी चेतावनी दी।

2 किलोमीटर लंबी रैली में उमड़ा जन सैलाब:
भीखाभाई कॉलेज में आमसभा के बाद शामिल हजारों लोगों की विशाल रैली निकाली गई. यह रैली भीखाभाई कॉलेज से लेकर पुनर्वास कॉलोनी राजकीय उमावि तक निकाली गई. दो किलोमीटर लंबी इस रैली में उमडत्रे जनसैलाब को देखने के लिए भी हजारों लोग उमड़ पड़े. यह रैली उमावि स्कूल पहुंची जहां पर समानता मंच प्रतिनिधियों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी को ज्ञापन सौंपा. इधर, विशाल धिक्कार रैली को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की तरफ से माकूल सुरक्षा की व्यवस्थाएं की गई थी और सात सौ पचास पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया गया था. वही हजारों लोगों की मौजूदगी में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई समानता मंच की रैली के बाद प्रशासन और पुलिस ने भी राहत की सांस ली है तो दूसरी ओर आज की रैली में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों द्वारा की गई इस्तीफों की होढ़ ने जरूर स्थानीय विधायकों और सरकार के नुमाइंदों के चेहरों पर शिकन उकेर दी है.

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