महंगाई: मोदी जी, जनता खुश नहीं है

राकेश दुबे@प्रतिदिन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार को 26 मई, को केंद्र में सत्तासंभाले 2 साल हो जायेंगे। बीते दो वर्ष में देश का वृहद् आर्थिक परिदृश्य बेहतर हुआ लेकिन थोक और खुदरा मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर रहने के बावजूद खाद्य पदार्थों खासकर दाल और चीनी जैसी कई जिंसों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। सरकार इस मोर्चे को अनदेखा नहीं कर सकती है। जनता खुश नहीं है। 

भले ही देश के उद्योग जगत ने मोदी सरकार को 10 में सात अंक देते हुए कहा है कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। उद्योग क्षेत्र राजमार्ग, ऊर्जा और रेलवे जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए गए शानदार कार्यों की प्रशंसा कर रहा है, लेकिन यह कहने से भी किसी ने गुरेज नहीं किया है कि सरकार ने संकट के रूबरू ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के निराकरण के लिए आक्रामक रवैया अख्तियार करने से पांव पीछे खींचे हैं। कहना न होगा कि ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनके हालात चुस्त-दुरुस्त कर दिए जाएं तो महंगाई जैसी समस्या से पार पाने में अच्छी मदद मिल सकती है। अभी तो स्थिति यह है कि शहरी और ग्रामीण आबादी महंगाई का दंश झेलने को विवश हैं। 

बीते दो वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति कुल मिला कर काबू में रही है, तो भी दाल और चीनी समेत कई जिंसों के दामों में भारी तेजी दर्ज की गई. बारिश में कमी को इसकी एक बड़ी वजह कहा जा रहा है, लेकिन इस तथ्य की भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि खाद्य पदार्थों और साबुन, दंतमंजन जैसी जरूरी वस्तुओं को उपभोक्ता तक पहुंचाने में मालवाहन क्षेत्र की बड़ी भूमिका होती है। मालवाहन लागत में कमी न आने या इसके जस की तस बनी रहने से भी दामों में तेजी का रुख बन जाता है, इस मामले में निराशाजनक माहौल है। सरकार ने इस और ध्यान ही नहीं दिया। 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का लाभ सरकार ने उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचने दिया। पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के चलते वैश्विक बाजार से मिली राहत से उपभोक्ता वंचित रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का पूरा लाभ घरेलू उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाया है। यह भी एक बड़ा कारण रहा कि एक सामान्य परिवार की मासिक खरीदारी का बिल उसकी पहुंच को मुंह चिढ़ा रहा है। मोदी जी , जनता खुश नहीं है। 
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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