
हरीश रावत की सरकार गिराने में विजयवर्गीय की मुख्य भूमिका बताई जाती है। उन्होंने ही इसकी व्यूह रचना तैयार की थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने दून में डेरा डाल दिया है। सूत्रों ने बताया कि विजयवर्गीय अब फ्लोर टेस्ट के दिन तक दून में ही रहकर हरीश रावत को बहुमत परीक्षण में विफल करने की रणनीति पर काम करेंगे।
शुक्रवार को दिन में तीन बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचकर विजयवर्गीय ने प्रदेश के नेताओं के साथ फ्लोर टेस्ट को लेकर मंथन किया। इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में इस पर मंथन हुआ कि किस तरह से इन विधायकों को हरीश रावत के खिलाफ खडम किया जाए। भाजपा के सभी विधायकों को जल्द से जल्द दून बुलाया जाए। साथ ही सभी को आवश्यक रूप से सदन में मौजूद रहने के लिए नोटिस जारी किया जाए। बैठक के बाद विजयवर्गीय ने दावा किया कि फ्लोर टेस्ट में साबित हो जाएगा कि हरीश रावत अल्पमत में हैं और रहेंगे।
भाजपा का गेम प्लान
सूत्रों का कहना है कि भाजपा का गेम प्लान के तहत उसकी नजर कांग्रेस के चार और बसपा के दो विधायकों पर है। ये विधायक हरीश रावत के खिलाफ मतदान करेंगे। बसपा के विधायक यदि मतदान से बाहर भी रहेंगे तो भी यह उनके हित में होगा और कांग्रेस के चार विधायकों के सहारे वे मिशन भाजपा में कामयाब होंगे। इन विधायकों को फ्लोर टेस्ट के दौरान अपने पाले में खींचने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने खुद कमान संभाली ली है।
ये रहे बैठक में मौजूद
विजय वर्गीय शुक्रवार अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी, प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार, खजान दास, नरेश बंसल, धन सिंह रावत, प्रकाश पंत, ज्योति प्रसाद गैरोला, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, पुष्कर सिंह धामी, महानगर अध्यक्ष उमेश अग्रवाल समेत कुछ अन्य नेता इस बैठक में मौजूद रहे।
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