
सोना चौधरी ने अपनी नॉवेल में खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी की 90 फीसद सच्ची घटनाएं लिखने का दावा किया है। उनका कहना है कि टीम के कोच व सेक्रेटरी खिलाड़ियों को कई चीजों के लिए समझौता करने पर मजबूर करते थे। नॉवेल में उन्होंने खुलासा किया है कि कोच द्वारा शोषण से बचने के लिए खिलाड़ी आपस में संबंध में बना लेती थीं।
सोना ने बताया, 'टीम मैनेजमेंट का कोई सदस्य रेप न कर दे, इस डर से खिलाड़ी आपस में समलैंगिक संबंध बना लेती थीं। कई महिला खिलाड़ियों की दोस्ती शारीरिक संबंध तक में बदल जाती थी। एक लड़की दूसरे लड़की को पसंद करने लगती थी।'
सोना के मुताबिक स्टेट टीम हो या नेशनल टीम, कई लड़कियों को कई स्तर पर समझौता करने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।