नईदिल्ली। रविवार (22 मई) को आकशवाणी पर प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानी बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार महीनों को बूंद-बूंद पानी के लिए जल बचाओ अभियान के रूप में बदलना है। प्रधानमंत्री ने सूखे की समस्या के स्थायी समाधान और खेती में सूक्ष्म सिंचाई और प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व को भी रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं देशवासियों को भी कहता हूं कि जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, इन चार महीनों में हम तय करें, पानी की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने देंगे। अभी से प्रबंध करें, पानी बचाने की जगह क्या हो सकती है, पानी रोकने की जगह क्या हो सकती है। ईश्वर तो हमारी जरूरत के हिसाब से पानी देता ही है, प्रकृति हमारी आवश्यकता की पूर्ति करती ही है, लेकिन हम अगर बहुत पानी देख करके बेपरवाह हो जाएं और जब पानी का मौसम समाप्त हो जाए तो बिना पानी परेशान रहें, तो ये कैसे चल सकता है?’
मोदी की इस अपील के साथ ही देशभर में पानी की पहरेदारी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर इस विषय में अलग अलग तरह के मामले सामने आ रहे हैं। भाजपा सोशल मीडियाकर्मी खोज खोजकर बर्बाद हो रहे पानी के फोटो पोस्ट कर रहे हैं तो दूसरी ओर जागरुक नागरिक एवं भाजपा विरोधियों ने भाजपाईयों को सर्विलांस पर ले लिया है। कहां कहां, कौन भाजपा नेता कितना पानी बर्बाद कर रहा है। कार की धुलाई और बगीचे में पानी बर्बाद करते भाजपाईयों के फोटो सामने आने लगे हैं। जलस्त्रोतों पर भाजपाईयों के कब्जे वाली सूचनाएं आना शुरू हो गईं हैं।
इस अपील का परिणाम क्या आएगा यह तो समय के साथ ही पता चलेगा परंतु फिलहाल सारा समाज 2 वर्गों मेें बंट गया है और एक दूसरे की टांग खिंचाई शुरू हो गई है।