
आशिमा अक्सर अपने घर फोन करके काम को दौरान मालिक द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के बारे में बताती थी। मौत से तीन दिन पहले तेलंगाना के मुख्य सचिव डॉ राजीव शर्मा को आशिमा के परिवार ने लिखित में अर्जी भी दी थी कि उसे उसके मालिक को चुंगल से बचाकर वापस हैदराबाद ले आया जाए। दाबीरपुरा की शाह कॉलोनी में रहने वाली आशिमा को दिसंबर 2015 में एक एजेंट की माध्यम से रियाद में नौकरी मिली थी।
सरकार द्वारा 2 साल पहले हाउसमेड विजा देना बंद कर दिया गया है इस कारण आशिमा को 90 दिन के बिजनेस विजा के तहत रियाद भेजा गया था। 90 दिन पूरे हो जाने के बाद भी उसे गैरकानूनी तौर पर वहां बंधक बना रखा था। वहां पहुंचने का बाद से आशिमा की कोई खबर नहीं थी दो महीने पहले आशिमा ने फोन करके अपने ऊपर हो रहे उत्पीड़न की खबर अपने परिवार को दी और उसने बताया कि उसका मालिक अब्दुल रहमान अली मोहम्मद किस तरह उसे प्रताड़ित कर रहा है।