
इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं शशि थरूर ने भी कांग्रेस हाईकमान को आढ़े हाथों लिया था। दोनों नेता कांग्रेस में बड़े बदलाव की वकालत कर रहे थे। दिग्विजय सिंह ने इसी लाइन को अपने तरीके से आगे बढ़ाया, लेकिन मीडिया में घूमते घूमते इस खबर में मिलावट हो गई।
कई मीडिया संस्थानों ने दिग्विजय के बयान का आशय यह निकाला कि वो सोनिया गांधी को बदलने की मांग कर रहे हैं। इसके आसपास दिग्विजय सिंह का प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने वाला बयान भी चल रहा था, अत: दोनों बयान आपस में जुड़ गए। फाइनली दिग्विजय सिंह को अपनी सफाई पेश करनी पड़ी।