हिंदू नेताओं की हत्या के बदले विदेश में नौकरी

गुजरात में 2002 में हुए दंगों के समय में दाऊद इब्राहिम ने हिंदू नेताओं और कथित मुस्लिम विरोधियों को मारने वालों को मोटी रकम और दक्षिण अफ्रीका में नौकरी देने की पेशकश की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दाऊद ने भारत में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के लिए इस ऑफर के तहत भर्तियां करने की ये खास योजना बनाई थी।

दाऊद इब्राहिम भारत में धार्मिक नेताओं, चर्चों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं पर हमला कर सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहता था। ऐसा दावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किया है।

सूत्रों की मानें तो डी-कंपनी के 10 सदस्यों को देश में मोदी सरकार बनने के बाद तनाव पैदा करने और संघ नेताओं पर हमला करने का काम दिया गया था। अहमदाबाद की एक अदालत में इन 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई है, जिसमें इन पर हिंदू नेताओं पर हमला करने की साजिश का आरोप लगाया गया है।

डी कंपनी के शूटरों ने साजिश के तहत 2 नवंबर 2015 को गुजरात में दो दक्षिणपंथी नेताओं शिरीष बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री की हत्या की थी। इस मामले में पुलिस के हत्थे चढ़े शूटर्स का दावा था कि इन हत्याओं को उन्होंने 1993 मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन की फांसी के बदले किया था।

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