भोपाल। यदि आप किसी समस्या से त्रस्त हैं या विरोधी दल के सदस्य हैं तो क्या मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करते हैं तो क्या इसे देशद्रोह माना जाना चाहिए। मप्र पुलिस ने ऐसी एक टिप्पणी को देशद्रोह मानते हुए प्रकरण दर्ज किया है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर ये तय करेगा कि क्या ये मामला देशद्रोह के अंतर्गत आता है या नहीं।
जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस सी नागाप्पन की बेंच ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी से पूर्व निगम निगम अध्यक्ष जगमोहन सिंह की याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने सूखाग्रस्त जिले में पानी ना पहुंचा पाने को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी लिखी थी, जिसके बाद पुलिस ने एक भाजपा नेता की शिकायत पर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस दौरान कोर्ट देशद्रोह के आरोपों को ज्यादा व्यापक तरीके से सामने लाने की दलील पर भी सुनवाई करेगी।
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