प्यार की नई परिभाषा लेकर स्टार प्लस पर आ रहा है 'जाना ना दिल से दूर'

नईदिल्ली। अजमेर की रहने वाली प्यारी, चुलबुली, सबकी देखभाल करने वाली हंसमुख और मासूस विविधा एक आदर्श और घर की लाड़ली लड़की है। सुख या दुख सबमें वही एक इंसान है जिस पर हर कोई भरोसा करता है। वह अपने परिवार की जीवनरेखा और सभी समस्याओं का हल करने वाली है। उसकी अपनी खुद की सोच है लेकिन वह अपने लिए बनाए गए नियमों पर तब तक सवाल नहीं उठाती जब तक उसकी जिंदगी में अथर्व का आगमन नहीं होता।

शिक्षित, चतुर, बेपरवाह, आजाद और खांटी इंसान अथर्व जानता है कि किसी भी परिस्थिति को किस तरह हैण्डल किया जाता है। उसे अपने पिता का पारिवारिक नाम नहीं मिला है लेकिन इससे उसे फर्क नहीं पड़ता, बल्कि वह पूरे गर्व से अपनी मां के नाम के साथ जीता है और अपनी उपलब्धियां उसके नाम करता है। दिल्ली से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले अथर्व का मानना है कि समाज में किसी इंसान की हैसियत उसके काम से नहीं बल्कि इससे होती है कि अपने काम से उसने क्या हासिल किया है। इसलिए वह अजमेर अपनी मां के छोटे से डेयरी व्यवसाय को आधुनिक बनाने और इसे ऊंचाइयों पर पहुंचाने के सपने के साथ लौटा है।

यह कहानी दो पूरी तरह से अलग माहौल में पले बढ़े इंसानों विविधा और अथर्व की है जो जब मिलते हैं तो उनकी पूरी दुनिया बदल जाती है। स्टार प्लस आपके लिए ला रहा है प्यार के जरिए मजबूती हासिल करने की अनूठी कहानी ‘जाना ना दिल से दूर’।

विविधा (शिवानी सुर्वे अभिनीत) अपनी दुनिया में खुश है जो उसके परिवार और अजमेर की गलियों कोनों के इर्दगिर्द बिखरी हुई है। उसके पिता कैलाश (विनीत कुमार) उसके हीरो हैं और वह उनकी कही बातों पर आंख मूंदकर विश्वास करती है। वह पूरी तरह से उनकी ही छत्रछाया में पली बढ़ी है और अपने लिए बनाए गए नियमों को पूरी तरह मानती है। दूसरी तरफ कैलाश भी एक टफ इंसान है जिसने जिंदगी के उतार चढ़ाव देखे हैं। वह पूरी तरह से पुरानी मान्यताओं को मानता है कि रिश्ते उन्हीं के बीच संभव हैं जो सामाजिक हैसियत में बराबर हों।

अथर्व (विक्रम सिंह चैहान अभिनीत) वैसा लड़का नहीं है जैसा कैलाश अपनी बेटी के लिए चाहता है, दूसरी तरफ यह विविधा के लिए भी पहली नजर के प्यार वाला मामला नहीं है लेकिन उसे धीरे-धीरे अथर्व से प्यार हो जाता है। उसे अच्छा लगता है जब अथर्व उसे मजबूत लड़की कहता है क्योंकि पहले उसे किसी ने इस नाम से नहीं पुकारा। वह अथर्व की सकारात्मकता और लगातार प्रोत्साहन से आत्मविश्वासी और प्रेरित महसूस करती है।

अपनी भूमिका को लेकर उत्साहित शिवानी सुर्वे ने कहा, ‘‘विविधा एक प्यारी मासूम सी आम लड़की है जो आपका दिल जीत लेगी। जिन लोगों को वह प्यार करती है उनके लिए वह कुछ भी कर सकती है। मुझे उसकी और अथर्व की केमिस्ट्री पसंद आने के साथ ज्यादा पसंद आया प्यार को विश्वास का यह सफर जिससे गुजर कर विविधा एक इंसान के तौर परम मजबूत और परिपक्व बनती है।’’

राजस्थान के खूबसूरत शहर अजमेर में आधारित इस कहानी में संस्कृति और सामाजिक परम्पराओं का तानाबाना है जो सशक्त मानसिक जुड़ाव बनाता है। कहानी की शूटिंग राजस्थान के मशहूर जगहों जैसे सांभर की नमक झील, अजमेर की पवित्र दरगाह और जयपुर के ऐतिहासिक जल महल में हुई है। निर्माताओं ने राजस्थान और इसकी समृद्ध संस्कृति के जीवंत रंगों को दिखाने के लिए फिर से प्रसिद्ध पुष्कर मेला का सेट बनाया है।

बियाॅण्ड ड्रीम प्रोडक्शन द्वारा निर्मित ‘जाना ना दिल से दूर’ में अपर्णा घोषाल, विनीत कुमार और शिल्पा तुलस्कर मुख्य भूमिकाओं में हैं। शो 9 मई 2016 से शुरू होगा जिसका प्रसारण सोमवार से शनिवार शाम 5.30 बजे होगा।

शो के निर्माताओं का मानना है कि प्यार के साथ अगर प्रेरणा, साहस और आत्मविश्वास हो तो वह खुद की तलाश करने की ताकत पैदा करता है। ‘जाना ना दिल से दूर’ अथर्व के प्यार में विविधा का सफर है जहां उसे प्यार अपनी ताकत से मजबूत बनाता है।

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