नई दिल्ली। गली चौराहों पर ठेले वालों से चौथ वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों को पूरे देश में 'ठुल्ला' कहकर पुकारा जाता है। इसकी कोई परिभाषा तो नहीं लेकिन बोलचाल में 'ठुल्ला' का तात्पर्य ही होता है ठलुआ, जो अपनी ड्यूटी नहीं निभाता। मुफ्त की रोटियां तोड़ता है। लेकिन दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सभा के दौरान 'ठुल्ला' शब्द का इस्तेमाल कर लिया तो बवाल हो गया।
दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी ने इसे पूरी पुलिस बिरादरी का अपमान बताते हुए केजरीवाल पर केस ठोक दिया, लेकिन कोर्ट ने पुलिस के इस केस को खारिज कर दिया। साकेत अदालत के महानगर दंडाधिकारी अरुण कुमार गर्ग ने कहा कि केजरीवाल ने सभी पुलिसकर्मियों को ठुल्ला नहीं कहा था। वहीं ठुल्ले शब्द से पहले कोई का प्रयोग करने से साफ जाहिर है कि वह शिकायतकर्ता को टारगेट नहीं कर रहे थे और न ही पूरी दिल्ली पुलिस को। परंतु यह शब्द आयोग्य पुलिसकर्मियों के लिए प्रयोग किया गया था।
इस मामले में गोविंदपुरी थाने में तैनात एक कॉन्स्टेबल ने केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था। याद दिला दें कि दिल्ली में पुलिस और केजरीवाल के बीच तनातनी पुरानी हो चली है। कई मामलों में पुलिस और केजरीवाल सरकार आमने सामने दिखाई देती है। केजरीवाल एक नेता होने के नाते पुलिस पर हमला बोलते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस भी कई बार बदले की आग में राजनीति करती दिखाई देती है।