भोपाल। महिला आरक्षण से महिलाओं को शक्तिशाली बनाने की बातें सरकारी आयोजनों में अक्सर होतीं हैं लेकिन जब वही सरकार गांव में पहुंचती है तो उसे अहसास होता है कि तमाम कवायदें झूठीं हैं। कंधे से कंधा मिलाकर चलना तो दूर महिलाएं घूंघट तक नहीं उठा पातीं।
प्रसंग शिवपुरी के तिघरी गांव में ग्राम सड़क परियोजना के लिए भूमि-पूजन का कार्यक्रम में घटित हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में यशोधरा राजे ने शिरकत की। प्रोटोकॉल के मुताबिक, कार्यक्रम में सरपंच का शामिल होना था।
कार्यक्रम में पहुंचकर जब मंत्री ने सरपंच के बारे में पूछा तो एक आदमी खड़ा हो गया। यह आदमी महिला सरपंच लोहा देवी का पति था। सरपंच पति को देखकर यशोधरा राजे भड़क उठीं। उन्होंने सरपंच पति को दुत्कारते हुए महिला सरपंच को कार्यक्रम में बुलाने का आदेश दिया।
सरपंच पति के साथ कुछ अधिकारी भी उसके घर पहुंचे, जहां कई बार मिन्नतें करने के बाद आखिरकार महिला सरपंच कार्यक्रम में आने को तैयार हुई। कार्यक्रम में पहुंची लोहा देवी एक लंबा सा घूंघट लिए स्टेज पर चढ़ीं।
तेजतर्रार केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे ने उसे काफी समझाया। नारी शक्ति का पाठ पढ़ाया। महिला आरक्षण चालीसा भी सुनाया। बार बार आग्रह किया कि वो घूंघट हटा ले, लेकिन लोहा देवी टस से मस नहीं हुई और उसने अपना घूंघट नहीं हटाया। अंतत: महिला मंत्री को ही हार माननी पड़ी और घूंघटवाली महिला सरपंच के साथ उन्होंने भूमिपूजन किया।