
अनिरुद्ध सिंह इलाहाबाद की क्राइम ब्रांच में तैनात थे। प्रदेश में उनकी गिनती तेज-तर्रार अफसरों में की जाती है। वे तकरीबन दो दर्जन एनकाउंटरों में भी शामिल रहे हैं और उनके नाम से ही अपराधी कांपते हैं।
महकमें ने अनिरुद्ध को सस्पेंड करके उनके खिलाफ जांच भी बिठा दी है। सीनियर अफसरों की मानें तो वे अपने फिल्मी शौक की वजह से कई बार नौकरी से नदारद रहते थे। इसी वजह से वे कई अफसरों की आंखों में खटकने भी लगे।
पिछले दिनों बनारस में पोस्टिंग के दौरान ही क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अनिरुद्ध की मुलाकात एक फिल्म के निदेशक से हुई थी। उनकी कद काठी को देखते हुए निदेशक ने फिल्म में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर का रोल दिया था। हालांकि, यह फिल्म शूटिंग पूरी होने के बावूजद भी बड़े पर्दे पर नहीं आ पाई लेकिन अनिरुद्ध की किस्मत को फिल्म ने चमका दिया। उन्हें इसके बाद कई फिल्म व सीरियल में काम मिल गया।
शूटिंग के लिए हमेशा नौकरी से नदारद रहने के कारण अनिरुद्ध को थाने से हटाकर क्राइम ब्रांच में तैनात कर दिया गया था। फिल्मों की वजह से व्यस्त होने के कारण अनिरुद्ध ने मीटिंग में भी शामिल होना बंद कर दिया था। इसी वजह से महकमें ने उन्हें सस्पेंड करके जांच बिठा दी है।