कमिश्नर लोक शिक्षण ने लटकाया था समयमान, हाईकोर्ट ने दिलाया

Lok Shikshan Sanchalnalaye
भोपाल। मप्र लोक शिक्षण संचालनालय में शिक्षाविभाग के कर्मचारियों को परेशान करने के नित नए रिकार्ड स्थापित हो रहे हैं। कमिश्नर ने सहायक ग्रेड-2 का समयमान वेतनमान पात्रता के बावजूद 4 साल तक लटकाए रखा। अंतत: पीड़ित कर्मचारी हाईकोर्ट की शरण में गया। मप्र हाईकोर्ट ने 90 दिन में समयमान वेतनमान का लाभ देने के आदेश दिए हैं। 

जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल करंजिया बालाघाट में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 सुधीर सिंह चौहान का पक्ष अधिवक्ता अनिरुद्घ पाण्डेय ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता 14 दिसम्बर 2012 को नियुक्त हुआ था। 10 साल की सेवा अवधि 14 दिसम्बर 2012 को पूरी हो गई। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के मुताबिक 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर प्रथम और 20 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ देने का नियम है।

4 साल से परेशान कर रहे
याचिकाकर्ता पिछले 4 साल से अपना हक हासिल करने विभागीय स्तर पर प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद उसे सिवाय परेशानी के कुछ हाथ नहीं लगा। लिहाजा, आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल और जिला शिक्षा अधिकारी बालाघाट को पक्षकार बनाकर हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

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