
आरक्षित कर्मचारी संगठनों का कहना है कि प्रदेश में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं, ऐसे में पदोन्नति ना देने से प्रदेश में सरकारी कामकाज प्रभावित होगा। साथ ही बैकलॉक के पदों में भर्ती करनी है. ऐसे में आरक्षण के बिना पदोन्नति कैसे दी जा सकती है।
अजाक्स के प्रांतीय महासचिव एसके सचदेव का कहना है कि हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को ये तमाम जानकारियां अदालत में पेश करनी थीं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है लेकिन ये अस्थाई रोक है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि प्रभावित कर्मचारी अधिकारी संघ इस मुद्दे को लेकर सरकार के बात करने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार अपनी पूरी तैयारी के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। ताकि आरक्षण वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को न्याय मिल सके।