नरेंद्र मोदी के नीमच प्रवास का एक फोटो |
नीमच। केडर बेस पार्टी होने के दावे करने वाली, खुदको सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी बताने वाली भारतीय जनता पार्टी की कम से कम नीमच में तो स्तिथि ठीक नही नजर आ रही है। ऐसा इसलिए कहने में आता है क्योंकि गत एक वर्ष से नीमच जिला भाजपा संगठन बगैर कप्तान के पूरी तरह दिशाहीन हो चली है। जिले के भाजपा कार्यकर्ताओ में अंदरखाने ये सवाल बड़ी मुखरता के साथ उठाया जा रहा है कि, आखिर कब मिलेगा नीमच भाजपा को जिलाध्यक्ष...?
उल्लेखनीय है कि जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष श्री मंगल पटवा का एक सड़क दुर्घटना में असमय निधन हो गया था। जब ये अकल्पनीय हादसा हुआ तब श्री मंगल पटवा का कार्यकाल के छह माह बचे थे। चूंकि घटना तत्समय में दुखदायी थी अतः उस दौरान जिलाध्यक्ष पद पर किसी दूसरे की नियुक्ति नहीँ की जा सकी लेकिन अब स्तिथि वो नही रही तो फिर पार्टी संगठन क्यों जिलाध्यक्ष पद पर किसी नाम की घोषणा नही कर पारहा है? एक साल से नीमच जिला भाजपा "सेनापति विहीन" है। ये हालत भाजपा के लिए प्रतिकूल साबित हो रहे है। पार्टी संगठन तथा कार्यकर्ता इससे नाखुश है।
कई समर्पित भाजपा कार्यकर्ताओ की भावना है कि पार्टी को तत्काल किसी एक सर्वमान्य नाम की जिलाध्यक्ष पद पर घोषणा करनी चाहिए। पार्टी संगठन ने इस तरफ कदम भी बढ़ाया था। प्रदेश से संगठन की ओर से विजयेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा नीमच आकर कार्यकर्ताओ से रायमशविरा भी किया गया लेकिन फिर बात ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
क्या कारण है..?
नीमच में कई दावेदार है। जिले के तीनो विधायक भी शायद एक मत नहीँ है। मामले के जानकार बताते है कि पार्टी के एक वरिष्ठ कथित पितामह के द्वारा अड़चने डाली जा रही है। खेर जो भी है, पार्टी संगठन को कुछ तो फैसला करना पड़ेगा। देखते है कब पार्टी संगठन ये फैसला लेता है।