
श्री राज्यपाल एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में श्री उपाध्याय ने कहा है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में वर्तमान में जिस तरह की राजनैतिक स्थितियां विद्यमान हैं, वह उत्तराखण्ड के लिए ही नहीं अपितु पूरे देश के लिए चिन्ता का विषय है। उत्तराखण्ड विरोधी शक्तियों ने जिस तरह उत्तराखण्ड की राजनीति को कलंकित करने का निन्दनीय कार्य किया है वह देवभूमि की गरिमा पर गहरे घाव जैसा है, और भविष्य में इन घावों को भरना यहां के राजनैतिक सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए एक भगीरथ प्रयास के समान होगा। इस निन्दनीय कार्य के लिए अगर कोई दोषी है तो वह भारतीय जनता पार्टी की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता है। वे जनतम से नहीं अपितु धनबल और बाहुबल से विरोधी सरकारों को गिराकर सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं।
श्री उपाध्याय ने कहा कि मा0 उच्चतम न्यायालय ने 10 मई केा उत्तराखण्ड के यशस्वी नेता श्री हरीश रावत को विधानसभा के पटल पर बहुमत सिद्ध करने का अवसर प्रदान किया है, परन्तु मुझे आशंका है कि भारतीय जनता पार्टी कोई नया षड़यंत्र रचकर उनको इस मौके से वंचित कर सकती है। इस पूरे प्रकरण की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश के एक घोटालेबाज एवं षड़यंत्रों में निपुण श्री कैलाश विजयवर्गीय जी को सौंपी है, जो कि मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं।
प्रदेश अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने श्री राज्यपाल के संज्ञान में लाते हुए कहा कि श्री विजयवर्गीय के विरूद्ध मध्य प्रदेश में मा0 लोकायुक्त के यहां कई गम्भीर भ्रष्टाचार के यथा; सिंहस्थ घोटाला, गरीबों-वृद्धजनों की पेंशन का घोटाला, नवरत्न बाग घोटाला, सुगनी देवी जमीन घोटाला आदि प्रकरण लम्बित हैं।
उन्होंने कहा कि श्री कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश के गत विधानसभा चुनाव में महू विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे और खुलेआम मतदाताओं को प्रभावित करने हेतु मद्य एवं धन वितरित करते हुए पकडे गये थे, और पुख्ता सबूतों जिनमें कि इस निन्दनीय कृत्य की सीडी भी मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है और ऐसी संभावना है कि वे जल्दी ही अपनी विधानसभा सदस्यता खो देंगे।
उन्होंने श्री राज्यपाल से आग्रह किया कि उत्तराखण्ड की गरिमा तथा लोकशाही की रक्षा हेतु श्री कैलाश विजयवर्गीय को उत्तराखण्ड की राजनैतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोका जाय। साथ ही श्री उपाध्याय ने श्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा कि आप अपने सम्मानित विधायक को तुरन्त उत्तराखण्ड से वापस बुलायें अन्यथा मुझे उनके खिलाफ यहां के राजनैतिक वातावरण को भ्रष्ट एवं दूषित करने के लिए अपराधिक मुकदमा दर्ज कराना पड़ेगा।
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