नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हिंसक संगठन होने के आरोप लगते रहे हैं। सामान्यत: ऐसे आरोप कांग्रेस और दिग्विजय सिंह जैसे नेता लगाया करते हैं परंतु भाजपा के कुछ नेताओं के बयान भी आरएसएस को संदेह के दायरे में ले आते हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बयान दिया है कि 'हमने आरएसएस की ट्रेनिंग ली है, हाथ से गर्दन तोड़ सकते हैं' इस बयान के बाद एक बार फिर यह सवाल सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है कि क्या आरएसएस में हाथ से गर्दन तोड़ना सिखाते हैं ?, क्या आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसमें हिंसा सिखाई जाती है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2016 के परिणाम आते ही राज्य में बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के मामले भी सामने आए थे। इसी दौरान दिलीप घोष ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा है कि हम उनके (तृणमूल कांग्रेस) बिजली कनेक्शन और वाटर सप्लाई काट देंगे, उन्हें घर में घुसकर मारेंगे, हम देखेंगे कि वे क्या कर लेते हैं? हमारे पास राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) की ट्रेनिंग है। हम अपने खाली हाथों से उनकी गर्दन तोड़ने में सक्षम हैं।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 211 सीटों पर जीत हासिल कर टीएमसी सुप्रिमो ममता बनर्जी राज्य की दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। यहां बीजेपी को 3 सीटें मिलीं हैं।