
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार को भोपाल दुग्ध संघ में अगले महीने रेट रिवीजन को लेकर दूध सप्लायर्स और कलेक्शन में जुटे टैंकर संचालकों द्वारा हड़ताल करने की रिपोर्ट मिली थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने दूध पर एस्मा लागू किया है। उल्लेखनीय है कि गर्मियों में दूध की किल्लत होती है। इसकी वजह, उत्पादन में कमी अाना है।
एस्मा लग जाने के बाद अब ना तो दूध विक्रेता बिना सरकारी अनुमति के दूध के दाम बढ़ा सकते हैं और ना ही दूध को स्टॉक कर सप्लाई को कम करने का षडयंत्र रच सकते हैं। यदि वो ऐसा करते हैं तो प्रशासनिक टीम उनके यहां छापामार कार्रवाई कर सारा दूध जब्त कर सकती है जो तत्काल जनता में वितरित किया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह कि दूध कारोबार से जुड़े दूधिए, कारोबारी, डेयरी संचालक या कर्मचारी किसी भी प्रकार की हड़ताल नहीं कर सकते। किसी भी हालत में दूध की सप्लाई को बाधित नहीं किया जा सकता।