रिफाइंड तेल आपकी सेहत के लिए मुफीद नहीं

Bhopal Samachar
विक्सन सिक्रोड़िया/कानपुर। खाने का रिफाइंड तेल आपकी सेहत के लिए मुफीद नहीं रह गया है। इसमें जबरदस्त मिलावट की जा रही है। हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (एचबीटीआइ) के ऑयल टेक्नोलॉजी विभाग के एक शोध में तेल में ट्रांसफैटीज, डाई ग्लीसराइड व मोनो ग्लीसराइड जैसे हानिकारक तत्व पाए गए हैं। शोध में ब्रांडेड से लेकर लोकल तेल तक की 15 कंपनियों के सैंपल जांचने के बाद ये तथ्य सामने आए हैं। ये कैंसर तक के कारण बन सकते हैं।

एचबीटीआइ ने दो साल पहले रिफाइंड तेल पर शोध शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के लिए ऑयल टेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरके त्रिवेदी ने रिसर्च टीम गठित की थी। टीम ने बाजार से तमाम तेल कंपनियों के सैंपल लिये थे। इनमें ब्रांडेड व लोकल दोनों तरह का तेल शामिल किया गया था। शोध के लिए इनके 40 से अधिक नमूने लिये गए। जांच में नामी कंपनियों के नमूने भी फेल हो गए। अब यह शोध अंतरराष्ट्रीय रिसर्च पेपर में प्रकाशित होने जा रहा है।

पाचन क्रिया में नहीं हो रहा शामिल
प्रोफेसर व शोधकर्ता डॉ. आरके त्रिवेदी ने बताया कि मोनो ग्लीसराइड व डाई ग्लीसराइड युक्त तेल शरीर की पाचन क्रिया में शामिल नहीं हो पाता है। इस तेल में पके भोजन से हमें जो ताकत मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती। इसमें पोषक तत्व कम हो जाते हैं और यह केवल पेट भरने के काम आता है। शोध के दौरान रिफाइंड ऑयल में मोनो ग्लीसराइड, डाई ग्लीसराइड व ट्रांस फैटी एसिड दस से 20 फीसद तक पाया गया है जबकि ये तत्व तेल में नहीं होने चाहिए।

जलने के बाद तेल होता हानिकारक
पहले से हानिकारक तत्वों को लिये यह तेल जलने के बाद और हानिकारक हो जाता है। इसमें एल्डीहाइड, कीटोन, पालीमर्स जैसे हानिकारक तत्व शामिल हो जाते हैं। पालीमर्स ऐसा तत्व है जो तले जाने के बाद कार्बोहाइड्रेड के साथ मिलकर कैंसर की कोशिकाएं तक विकसित कर सकता है। फैटी एसिड हृदय की धमनियों में जमता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!