राकेश दुबे@प्रतिदिन। सरकार खाद्य पदार्थों में पोटैशियम ब्रोमेट रसायन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि सभी शीर्ष ब्रांडों के ब्रेड में कैंसरकारी रसायनों की मौजूदगी का दावा करने वाली एक रिपोर्ट पर मंत्रालय उपयुक्त कार्रवाई करेगा, लेकिन सिर्फ दिल्ली ही देश नहीं है। सारे देश में ब्रेड का गोरख धंधा धडल्ले से चल रहा है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को मामले को गंभीरता से लेने और यथाशीघ्र एक रिपोर्ट सौंपने और उस पर फौरन कार्यवाही करने की सरकार की घोषणा है।
आज जिस सन्स्थान से सरकार जाँच और रिपोर्ट की आस कर रही हैं, उसके जिम्मे ही खाद्य पदार्थों की समय-समय पर जाँच है। आलम यह है की देश के सभी राज्यों में इस संस्था के कार्यालय तक नहीं है, और जहाँ है वहाँ उनकी क्रियाशीलता कारखानों के मालिकों के पक्ष में दिखती है।
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरोनमेंट (सीएसई) के एक अध्ययन में पाया गया है कि पैक किए हुए बे्रेड के आसानी से उपलब्ध 38 ब्रांडों के करीब 84 प्रतिशत में पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट की पुष्टि हुई, जो कई देशों में प्रतिबंधित हैं क्योंकि वे जन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रसायन के रूप में सूचीबद्ध हैं। इसने दावा किया है कि एक रसायन 2 बी श्रेणी का कैंसरकारी (संभवत मानव के लिए कैंसरकारी) है जबकि दूसरा थॉयराइड की समस्या पैदा कर सकता है लेकिन भारत ने उनके इस्तेमाल को प्रतिबंधित नहीं किया है।
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन कुमार अग्रवाल स्वीकार करते हैं कि पोटैशियम ब्रोमेट उन 11,000 पदार्थों में शामिल है,जिन्हें खाद्य कारोबार में इस्तेमाल किए जाने की इजाजत प्राप्त है। सावधानीपूर्वक विचार विमर्श किए जाने के बाद हमने खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल के लिए इजाजत प्राप्त रसायनों की सूची से पोटैशियम ब्रोमेट को हटाने का फैसला किया है।विनियामक ने स्वास्थ्य मंत्रालय से सिफारिश की है कि पोटैशियम ब्रोमेट को खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल के लिए इजाजत प्राप्त रसायनों की सूची से हटाया जाए।
एफएसएसएआई पोटैशियम आयोडेट के इस्तेमाल पर साक्ष्य की जांच कर रही है और जल्द ही इस पर भी फैसला किया जाएगा। सीएसई ने देश के खाद्य विनियामक द्वारा पोटैशियम ब्रोमेट के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किए जाने के लिए कदम उठाए जाने का भी स्वागत किया और कहा कि जन स्वास्थ्य अवश्य ही एक प्राथमिकता बनी रहेगी।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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