कौशल कर्मचारियों को हटाने का विरोध में अनिश्चितकालीन धरना

भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किये गये स्किल इंडिया मिशन को राज्य सरकार ने करारा झटका देते हुये। प्रदेश के 43 जिलों में चल रहे कौशल विकास केन्द्रों पर कार्यरत लगभग एक हजार प्रबंधकों, लेखापालों, प्रशिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के लिए मप्र व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी संजीव सिंह ने प्रचार्य, अधीक्षक, संस्था प्रमुखों को 16 मई को आदेश जारी कर दिये हैं। 

पांच साल पहले हुई थी नियुक्ति 
2011 में राज्य सरकार ने आदिवसी विकास खण्डों में युवाओं को कौशल का प्रशिक्षण देकर उनको आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य के लिए 113 शासकीय कौशल विकास केन्द्रों में प्रबंधक, प्रशिक्षक, लेखापालों की भर्ती विधिवत् समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर एमपी आई लाईन के माध्यम् से मेरिट के आधार पर 1 हजार संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी । लेकिन सरकार के तुगलकी फरमान से एक हजार संविदा कर्मचारी और उनके परिवार सड़कों पर आ गया। 

मंत्री उमाशंकर गुप्ता को दिया ज्ञापन
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर कौशल विकास केन्द्र कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष अबरार कुरैशी के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधि मण्डल तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री उमशंकर गुप्ता को ज्ञापन सौपकर जिस प्रकार पहले संविदा वृद्वि की गई थी उसी प्रकार संविदा बढ़ाने की मांग की। 

महासंघ करेगा उग्र आंदोलन
म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि हटाये गये संविदा कर्मचारियों की वापसी होने तक राजधानी भोपाल में आंदोलन चलाया जायेगा और प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन किया जायेगा। महासंघ ने सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना का ऐलान किया है। 

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