‘मैं खूब मजे में हूं और स्वस्थ हूं. मेरी चिंता न करें. जब भी कोई जेल में मेरे लिए टिफिन लेकर आता तो बताता है कि मां बहुत रोती हैं. पापा, मम्मी से कहो कि वे रोएं नहीं. रोने से दुख कम नहीं होता. मां, मैं संक्षेप में कहना चाहता हूं कि आप शांति से इसलिए रह सकती हो. जैसे जवान अपनी मां, पत्नी-बेटी को छोड़कर सरहद पर रहते हैं और शहीद भी हो जाते हैं. मां, आप यही समझो कि मैं भी जवान हूं. समाज सेवा से राष्ट्र का नवनिर्माण करने वाला आर्मी हूं.''
मां, आपने मुझे जन्म देकर मेरा जीवन धन्य कर दिया है. भगवान करे मुझे फांसी मिले तो मानूंगा कि भगत सिंह का अवतार बनकर आया था.''
"अफसोस यही है कि पापा ने जिन आनंदीबेन (सीएम) को अपनी गाड़ी में बिठाकर चुनाव जितवाए और उसके बाद उन्होंने 10 साल तक बहन बनकर आपको राखी भेजी, उन्हीं ने अपने भतीजे को जेल में डलवा दिया.''
यह खत मदर्स डे के अवसर पर हार्दिक पटेल ने जेल से लिखा। इस समय हार्दिक सूरत की लाजपोर जेल में बंद हैं. पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के कन्वीनर निखिल सवाणी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है की. हार्दिक पटेल ने यह लेटर खास अपनी माँ के लिए लिखा है.