
सीमांकन के लिए आवेदन करने के बाद से ही पटवारी विनोद सोनी ने रिश्वत की डिमांड शुरू कर दी। पटवारी ने रिश्वत देने पर ही सीमांकन करने के लिए दबाव बनाया। वह इस सरकारी काम के एवज में सात हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था। इसके बाद पांच हजार रुपए में सौदा तय हुआ।
आदिवासी किसान ने इसकी जानकारी लोकायुक्त पुलिस को दी। लोकायुक्त एसपी ने शिकायत की तस्दीक के बाद निरीक्षक वी.वी. तिवारी के नेतृत्व में एक दल का गठन किया, जिसने मंगलवार सुबह पटवारी को रिश्वत राशि के साथ धर दबोचा। आरोपी पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयिम के तहत केस दर्ज किया गया है।