
बैतूल निवासी राधिका कुमरे ने जनहित याचिका के जरिए मंत्री व सांसद पर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की राशि का गोलमाल करने का संगीन आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि सहकारिता मंत्री भार्गव ने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करके व्यापक पैमाने पर करीब 16 करोड़ रुपए की राशि का गबन किया। लिहाजा, मामले की उच्च स्तरीय जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि जनहित याचिका का व्यापक जनहित से कोई सरोकार नहीं है। यह सीधे तौर पर राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित प्रायोजित जनहित याचिका है। इसका मकसद राजनीतिक क्षेत्र में जनसेवा करने वाले मंत्री और सांसद पर आरोप लगाना है। साथ ही याचिका में पर्याप्त तथ्य भी नहीं दिए गए हैं। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका को निराधार मनाते हुए खारिज कर दिया।