सागर। सरकारें ब्राह्मणों के आशीर्वाद से बनती है और श्राप से गिर जाती हैं इसका इतिहास गवाह है। मध्यप्रदेश सरकार जो दलितों को पुरोहित बनाने की योजना क्रियान्वित करने जा रही है यह सनातन धर्म पर कुठाराघात है। कर्मकांड प्राचीन ऋषि महर्षियों की बनाई व्यवस्था है। जिसका अधिकार सिर्फ ब्राह्मण को ही है। चार वेद, अठारह पुराण, छह शास्त्र या किसी भी ग्रन्थ में देख लीजिये ब्राह्मण ही सर्वमान्य और पूज्य कहा गया है। यदि शिवराज सरकार नींद से नहीं जागी तो ब्राह्मण समाज बुंदेलखंड सहित समूचे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगा।
उक्त उद्गार ब्राह्मण समाज बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष पंडित भरत तिवारी ने आज दिनांक 29/5/16 दिन रविवार को सिविल लाइन स्थित चंद्रा पार्क में पुजारी संघ की वैठक में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर व्यक्त किये। वैठक की अध्यक्षता करते हुए पंडित चतुर्भुज पाण्डेय ने कहा कि हम जब तक प्रसन्न है तो नामकरण और विवाह जैसे संस्कार संपन्न कराते है और अप्रसन्न होने पर श्राद्ध भी करा सकते हैं। यदि सरकार ऐसे ही धर्म पर आक्षेप करेगी तो आने वाले चुनाव में बीजेपी का श्राद्ध हो जायेगा।
पुजारी संघ के सचिव पं. शिवप्रसाद तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म देवनिर्मित संविधान वेद और पुराण हैं। आधुनिक मानव निर्मित संविधान से धर्म नहीं चलेगा। शिवराज सरकार आत्म मंथन करे। ज्योतिषाचार्य पं. रामगोविंद शास्त्री ने कहा कि जब जब धर्म से खिलवाड़ हुआ है तब तब दुष्परिणाम देखने को मिला है। सर्वब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष पं देवीप्रसाद दुबे ने कहा कि 9 जून को एक रैली के रूप में हम वैदिक मंत्रोचार एवं झालर शंख ध्वनि के साथ मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे यदि तत्काल कार्यवाही नहीं होती दिखी तो भोपाल में मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाएंगे।
पं. दिनेशनारायण दुबे ने कहा कि पुजारी संघ की बैठक अब लगातार होगी और आंदोलन उग्र होगा। यदि शिवराज सिंह ने जल्दी निर्णय वापिस नहीं लिया तो समाज भाजपा की सदस्यता त्यागना शुरू कर देगा। वैठक को पं एन पी शर्मा, पं. आर के पाठक, पं.सुबोध शुक्ला ने भी संबोधित किया। सञ्चालन पं विनोद शुक्ला ने किया,आभार पं मनीष स्वामी ने माना। वैठक में पं ब्रजेश गुरु, पं रमेश तिवारी, पं अशोक भट्ट, पं गजाधर तिवारी, पं नरेंद्र दुबे, पं रामबाबू पाण्डेय, पं जितेन्द्र दुबे, पं उपेन्द्र तिवारी, पं संदीप पाठक, पं महेंद्र शुक्ला, पं रामस्वरूप दुबे, पं विपुल गोस्वामी, पं पवन पाठक, पं रामबाबू नायक, पं जयराम उपाध्याय, पं रविकांत चौबे,पं अशोक दुबे, पं सीपी शुक्ला सहित बड़ी संख्या में पुजारी, पुरोहित, कथावाचक, ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांडी ब्राह्मण उपस्थित थे।