भोपाल। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करने वाले बड़वानी कलेक्टर अजय गंगवार को हटाए जाने के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है। कांग्रेस का सवाल है कि सोशल मीडिया पर पॉलिटिकल पोस्टिंग के मामले में सिर्फ दलित कलेक्टर को ही क्यों हटाया। नरसिंहपुर कलेक्टर सीबी चक्रवर्ती को क्यों नहीं हटाया गया। कांग्रेस ने शिवराज सरकार को दलित विरोधी करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने श्री गंगवार के तबादले को चापलूस अधिकारियों से घिरी मनुवादी विचारधारा वाली राज्य सरकार द्वारा ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’’ पर किया गया घिनौना हमला निरूपित किया है। उन्होंने कहा है कि विडंबना तो इस बात की है कि राजनैतिक आधार पर चुन-चुन कर अजा-अजजा वर्ग के अधिकारियों को प्रताडि़त करने वाली कार्यवाहियों पर आईएएस एसोसिएशन निरंतर खामोश क्यों है?
श्री मिश्रा ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि यदि गंगवार के पोस्ट में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करना किस सर्विस रूल्स के खिलाफ है? यदि इतिहास में दर्ज यह सच्चाई राज्य सरकार की निगाह में पाप है तो गंगवार के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही क्या नैसर्गिक न्याय है?
यदि ऐसा नहीं है तो तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को बधाई देने वाले नरसिंहपुर कलेक्टर सी.बी. चक्रवर्ती और प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा जिन्होंने कुछ दिनों पहले प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक को मंच से संबोधित किया था, इसे लेकर राज्य सरकार का रूख नरम क्यों है?
यही नहीं दिल्ली के जेएनयु विवाद और हैदराबाद में दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत को लेकर कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने केंद्र की चापलूसी, कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था, तब सरकार को सर्विस रूल्स याद क्यों नहीं आया?