
बिना किसी कोचिंग या मार्गदर्शन के स्वयं की मेहनत से हासिल उक्त सफलता का श्रेय उन्होंने अपनी मां के तप और अपने हठ को दिया है। क्योंकि इस प्रतियोगिता परीक्षा के पूर्व दूसरे प्रयास में उनका चयन निचले स्तर के पद पर हुआ था लेकिन प्रशासनिक सेवा का भाव लिए गोलछा ने तीसरे प्रयास में सफलता अर्जित की।
प्रारंभ से ही मेधावी रहे प्रतियोगी को उनकी मां लक्ष्मीदेवी ने कड़े संघर्ष के साथ पढ़ाया-लिखाया। 12वीं बोर्ड की प्रावीण्यता में नौवां स्थान हासिल कर राकेश ने स्नातक की पढ़ाई के दौरान शिक्षाकर्मी वर्ग तीन में नौकरी हासिल कर किसी तरह अपनी पढ़ाई जारी रखी।