
एडवोकेट विनय विजयवर्गीय के मुताबिक चार साल पहले सरकार ने शासकीय कौशल विकास केंद्र में मैनेजर, अकाउंटेंट, ट्रेनिंग ऑफिसर जैसे पदों के लिए भर्ती निकाली थी। ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में हजारों युवाओं ने आवेदन किया था। लिखित परीक्षा में चयनित प्रत्याशियों को इंटरव्यू के बाद विभिन्ना जिलों में नियुक्ति दी गई।
ये कम पढ़े-लिखे बेरोजगारों को स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग देकर रोजगार कमाने लायक बना रहे थे। हाल ही में सरकार ने आदेश जारी कर सभी की सेवाएं समाप्त कर दी। इनका कहना है कि एक तरफ सरकार स्किल डेवलपमेंट के नाम पर रोजगार देने का दावा कर रही है दूसरी ओर नियमानुसार हुई नियुक्ति खारिज कर बेरोजगार कर रही है। परीक्षा के माध्यम से अकेले इंदौर संभाग में ढाई सौ से ज्यादा लोगों का चयन हुआ था।