
बरखेड़ी निवासी ओम प्रकाश, पुत्र दौलत राम प्रकाश ऑटो चलाता था। कुछ ही दिन पूर्व ओमप्रकाश को डिपो चौराहे में चैकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया और गाड़ी के कागज दिखाने को कहा, ओमप्रकाश के पास कागज मौजूद नहीं थे, जिसके बाद पुलिस उसे ट्रैफिक थाने ले गई और कागज लाने को कहा। थोड़ी देर में जब ओमप्रकाश कागज लेकर आया तो पुलिस ने लायसेंस की मांग की। घबराए ओमप्रकाश ने कागज दिखाते हुए अपना नाम कमल बता दिया।
बस यहीं से पुलिस का टॉर्चर शुरू हो गया। पुलिस ओमप्रकाश को धोखाधड़ी के मामले में जेल भेजने की धमकी देने लगी। जिससे ओमप्रकाश बहुत डर गया। ओमप्रकाश घबराकर बिना गाड़ी लिए घर वापस आगया और उसकी तबीयत बहुत खराब होने लगी। परिवार के सदस्यों ने ओमप्रकाश को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में एडमिट करया। इलाज के दौरान ही ओमप्रकाश की सोमवार देर रात मौत हो गई।