माल्या के मामले में ब्रिटेन ने मोदी सरकार को दिखाया ठेंगा

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। मोदी की शान में नित नए कीर्तिमान छापने वालों के लिए बुरी खबर है। ब्रिटेन ने भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ के कर्जदार विजय माल्या को भारत डिपोर्ट करने से इनकार कर दिया है। ब्रिटिश सरकार ने भारत से ये भी कहा है कि वो माल्या के एक्स्ट्राडिशन (प्रत्यर्पण) पर फिर से विचार करे। 

बुधवार को ब्रिटिश सरकार के फैसले की जानकारी इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने दी। स्वरूप के मुताबिक, "ब्रिटेन ने भारत सरकार से म्युचुअल एक्स्ट्राडिशन रिक्वेस्ट पर फिर विचार करने की अपील की है। स्वरूप के मुताबिक, "यूके सरकार ने हमें बताया है कि वो इमिग्रेशन लॉ (1971) के मुताबिक, माल्या को तब तक ब्रिटेन में रहने से नहीं रोक सकती, जब तक उनके पास वैलिड पासपोर्ट और वीजा है।

स्पोक्सपर्सन के मुताबिक, "इसी के साथ यूके सरकार ने हमसे ये भी कहा है कि उन्हें माल्या पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता की जानकारी है और वह इस मामले में भारत की मदद करना चाहती है। इसका मतलब ये हुआ कि जब तक माल्या का पासपोर्ट वैलिड रहता है, तब तक वो ब्रिटेन में रह सकते हैं। 

माल्या ने 2 मार्च को देश छोड़ा था। इसके बाद भारत सरकार ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था लेकिन तकनीकी तौर पर इसका मतलब साफ है कि वो जब ब्रिटेन पहुंचे, तो उनका पासपोर्ट वैलिड था। भारत ने पिछले महीने ब्रिटिश हाई कमीशन से गुजारिश की थी कि माल्या को भारत डिपोर्ट किया जाए।

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