भोपाल। ये चुनाव भी नेताओं से क्या क्या नहीं करवा लेते। घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सामने आई कड़ी टक्कर के चलते शिवराज सिंह ने अपनी रणनीति भी बदल दी है। वो इस सीट की बहुसंख्य आदिवासी एवं दलित वोटों पर फोकस कर रहे हैं। कहने को विकास के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं परंतु गतिविधियां और बयान जातिवाद की वोटिंग के लिए दिए जा रहे हैं। इसी के चलते गुरूवार को सीएम शिवराज सिंह अचानक एक आदिवासी के घर रुक गए। यहां उन्होंने पूरी रात बिताई और सुबह नाश्ता करके प्रचार करने निकल पड़े। यहां बताना जरूरी है कि वो आदिवासी की कुटिया या झोंपड़ी में नहीं बल्कि बेहतरीन पक्के मकान में रुके थे।
मुख्यमंत्री को तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक गुरुवार रात को वापस भोपाल लौटना था लेकिन, उन्होंने ऐनवक्त पर रात बैतूल जिले में ही बिताने का फैसला लिया। इसके बाद पार्टी ने अपने स्तर पर उनके रुकने के इंतजार शुरू किए तो शिवराज ने किसी आदिवासी परिवार के घर पर जाने की इच्छा जाहिर की।
इसके बाद शाहपुर विकास खंड के धपाड़ा गांव में आदिवासी भूरेलाल के घर का चयन किया गया। शाहपुर विकास खण्ड के दूरस्थ गांव धपाडा में सीएम शिवराज ने भूरेलाल के परिवार के साथ भोजन कर ग्रामीणों से काफी देर तक चर्चा की।
इस दौरान भाजपा के बैतूल अध्यक्ष जितेंद्र कपूर, बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल सहित की पार्टी के कई नेता साथ थे। शुक्रवार सुबह का वक्त भी सीएम शिवराज ने भूरेलाल के परिवार के साथ बिताया। यहां उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ नाश्ता किया और फिर नौ बजे वो चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गए।