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आबकारी मंत्री ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि एक बार में पूर्ण शराबबंदी के दुष्प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। ऐसा होने पर जहरीली शराब की आपूर्ति और नशीली दवाओं की खपत बढ़ने की संभावना बनी रहेगी, लिहाजा इसके लिए सिलसिलेवार कदम उठाने पड़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में शराब की मांग बढ़ने के बावजूद शराब की एक भी नई दुकान नहीं खोली गई है। इतना ही नहीं, सरकार की ओर से शराबबंदी के लिए जनजागृति अभियान चलाया जाएगा। वहीं शराबबंदी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलनों पर उनका कहना है कि यह मांग फैशन बन गई है।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि उनके पास आंकड़े तो नहीं हैं मगर एक अनुमान के मुताबिक, पढ़-लिखे लोग शराब का सेवन कम करते हैं। वहीं आर्थिक तौर पर कमजोर व अशिक्षित लोग शराब का ज्यादा सेवन करते हैं, क्योंकि उन्हें शराब के दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं होती।