इंदौर। डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट पर कोर्ट भी भरोसा करती है। देश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं जो डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट को झुठला सके, लेकिन घूसखोर डॉक्टर्स अपनी इस वेल्यू का बेजा लाभ उठाते हैं। सीएमएचओ डॉ. किशनलाल मेहरा ने ऐसा ही किया। दुष्कर्म के एक आरोपी को संसर्ग के लिए अक्षम बता दिया, जबकि कोर्ट में वो सक्षम प्रमाणित हो गया।
मामला मप्र, इंदौर जिले के हातोद थाना क्षेत्र का है। 5 सितंबर 2014 को यहां रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी गायब हो गई। परिजन ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई। करीब नौ महीने बाद पुलिस ने एक युवक के कब्जे से किशोरी को जब्त कर भादवि की धारा 363, 376 में केस दर्ज किया। पुलिस आरोपी की मेडिकल जांच के लिए हातोद अस्पताल लेकर पहुंची।
वहां सीएमओ डॉ. किशनलाल मेहरा ने जांच की। मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी को शारीरिक रूप से अक्षम बताया गया। एजीपी संतोष कुमार चौरसिया ने बताया कि कोर्ट में दिए बयान में डॉक्टर ने स्वीकारा था कि आरोपी शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम है।
बुधवार को सेशन जज राजेश कुमार गुप्ता ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि डॉ. मेहरा ने आरोपी को बचाने के लिए जानबूझकर गलत मेडिकल रिपोर्ट दी और उसे शारीरिक रूप से अक्षम बताया।