
उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है। सिंहस्थ के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में आने की संभावना है। इस बार दस प्रतिशत तक तबादले करने की छूट विभागों को मिल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक जून के दूसरे सप्ताह से तबादलों पर लगा प्रतिबंध हट सकता है। इसके मद्देनजर विभागों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। रिक्त पदों की सूचियां बनाई जा रही हैं। साथ ही उन प्रकरणों की सूची अलग से तैयार की जा रही है, जिन्हें हटाने के लिए जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध की अवधि में मुख्यमंत्री समन्वय से तबादले होते रहे हैं, इसलिए इस बार ज्यादा तबादले होने की संभावना नहीं है। कुछ जगहों से जरूर व्यक्तिगत आवेदन आए हैं, जिनकी सूची बनाई जा रही है। तबादला नीति आने के बाद इसका स्वरूप तय किया जाएगा।
विधायकों की बात नहीं सुनने वाले अधिकारी हट सकते हैं
बताया जा रहा है कि तबादलों में विधायकों को भी तवज्जो मिलेगी। दरअसल, बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायकों ने अधिकारियों द्वारा बात नहीं सुनने की बात उठाई थी। ऐसे अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर हटाया जा सकता है।
वहीं, मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल 15 से 22 प्रतिशत तक विभागों में तबादले हुए थे, इसलिए इस बार 10 से 15 प्रतिशत की ही अनुमति मिलेगी। इसमें भी जिले के भीतर होने वाले तबादलों में प्रभारी मंत्री को अधिकार दिया जाएगा। जबकि राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री सूची का अनुमोदन करेंगे।