ग्वालियर। माहेश्वरी नर्सिंग होम में गलत इंजेक्शन लगाए जाने से एक महिला की मौत हो गई। डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत को छुपाने के लिए अस्पताल में काफी देर तक ड्रामा चलता रहा। महिला को आईसीयू में भर्ती किया गया, फिर लाश को वेंटिलेटर पर रखा गया। जब परिजनों के सवालों का कोई जवाब नहीं सूझा तो डेथ डिक्लियर कर दी और डॉक्टर वहां से गायब हो गया। मृत महिला एक पुलिस अधिकारी की पत्नी थी।
टीआई दीपक यादव की ड्यूटी सिंहस्थ में लगी थी। सिंहस्थ समाप्त होने के बाद ग्वालियर वापस लौटते समय वह गुना स्थित अपने घर रुक गए। रविवार को वह वापस आने वाले थे। उनकी पत्नी रेनू यादव, 10 वर्षीय बेटा धु्रव और 6 वर्षीय बेटी नायसा ग्वालियर में ही थे। रेनू जनकगंज स्थित अपने मायके में थी। रेनू के पिता डॉ.कन्हैयालाल ने बताया कि रेनू को कुछ दिनों पहले सीने में एक फोड़ा हो गया। इसका चेकअप माहेश्वरी नर्सिंग होम में कराया गया। शनिवार को डॉ.विनोद जैन और डॉ.विमल माहेश्वरी ने उसे ऑपरेशन के लिए बुलाया।
माइनर ऑपरेशन होना था। शाम करीब 5.30 बजे रेनू ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल पहुंची। डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया और इसके बाद अचानक रेनू को उल्टी हुई। उल्टी होने के बाद उसके मुंह से झाग निकलने लगा। फिर तो सांस लेने में परेशानी होने लगी। डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया। डॉक्टरों ने किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया। कुछ देर बाद रेनू को वेंटीलेटर पर रख दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि काफी देर तक तो डॉक्टर यही कहते रहे कि रेनू ठीक है, अभी आईसीयू से बाहर आ जाएगी। थोड़ी देर बाद उसकी मौत की सूचना दी। उसकी मौत का कारण डॉक्टर नहीं बता रहे। रेनू की मौत के बाद तो सभी परिजन और रिश्तेदार इकठ्ठे हो गए। इन लोगों को देखकर डॉक्टर वहां से गायब हो गए।
दो घंटे पहले ही मौत हो चुकी थी, फिर भी रखा वेंटीलेटर पर
डॉ.कन्हैयालाल ने बताया कि ऑपरेशन में ही गलत इंजेक्शन रेनू के लगाया गया। इस वजह से उसकी मौत हुई। ऑपरेशन के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टरों ने आईसीयू में रख दिया। इसी दौरान उसकी मौत हो गई थी। फिर भी डॉक्टरों ने पैसे ऐंठने के लिए उसे वेंटीलेटर पर रखा। दो घंटे बाद उसे मृत घोषित किया।