अंशदायी पेंशन मामले में शासन को हाईकोर्ट का नोटिस

Bhopal Samachar
मंडला। स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों का 15 माह से और आजाकवि में कार्यरत अध्यापकों का 13 माह से अशंदायी पेंशन की अंशदान राशि एनएसडीएल में जमा नहीं हुई है। इस मामले पर राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा मण्डला अध्यक्ष डीके सिंगौर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई थी। याचिका क्र डब्लू.पी. 8339/2016 पर 10 मई को माननीय न्यायाधिपति राजेन्द्र मेनन की कोर्ट में सुनवाई हुईं। 

राज्य अध्यापक संघ की ओर से एडव्होकेट रोहित सोहगोरा ने पैरवी करते हुये कोर्ट को बताया कि अध्यापक सवंर्ग के लिये लागू अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 10 प्रतिशत राशि अध्यापकों के खाते से काटकर और उतनी ही राशि शासन द्वारा मिलाकर कुल वेतन की 20 प्रतिशत राशि प्रतिमाह नियमित रूप से एनएसडीएल में जमा करने का प्रावधान है लेकिन 15 माह से अध्यापकों का अंशदान एनएसडीएल में जमा नहीं हुआ है। 

जब से यह योजना लागू है कभी भी समय पर अंशदान जमा नहीं होता है जिससे अंशदान की राशि उचित समय पर निवेशित नहीं हो रही है और अध्यापकों को उस पर मिलने वाले ब्याज का नुकसान हो रहा है। और इसी प्रकार एक एक वर्ष विलम्ब से अंशदान जमा किया जाता रहा तो अध्यापकों केा रिटायरमेंट में लाखों का नुकसान होगा। 

कोर्ट को यह भी बताया गया कि वेतन पुनरीक्षण और डीए पुनरीक्षण पर पुराने माहों का वेतन भुगतान होने पर एरियर्स राशि का भी अंशदान जमा नहीं होता है। इससे से भी अध्यापकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। राज्य अध्यापक संघ की दलील सुनने के बाद माननीय कोर्ट ने सचिव म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य सभी 8 प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुये 6 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने को कहा है। जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने बताया कि संघ रिज्वाइंडर फाइल कर गुमशुदा कटोत्रा के समायोजन पर भी वित्त विभाग के प्रावधान के अनुसार ब्याज जमा कराने की मांग करेगा।
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