भोपाल। मप्र वनविभाग में जंगलराज की खबरें गाहे बगाहे सामने आती ही रहती हैं। अफसरों की शिकायतों और घोटालों को दबाने में अव्वल यह विभाग ना तो मंत्री की सुनता है और ना ही मुख्यमंत्री की। पिछले दिनों हुई 23 टाइगर्स की मौत के मामले में यह एक बार फिर स्पष्ट हो रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 अप्रैल को एक-एक बाघ की मौत की जांच कराने और विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करने की घोषणा की थी। कुछ दिन बाद वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने इससे पल्ला झाड़ा और अब चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने साफ कह दिया है कि जितनी रिपोर्ट सार्वजनिक करना थी, उतनी कर दी है। अब कोई रिपोर्ट जारी नहीं होगी ।
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में बाघों की लगातार मौत पर चिंता जाहिर करते हुए विभाग को स्थिति साफ करने को कहा था। पेंच, बांधवगढ़ व कान्हा टाइगर रिजर्व से जुड़े सभी मामलों की विस्तार से जांच होनी थी और पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर अपलोड होना थी, लेकिन अफसरों ने उनकी घोषणा की व्याख्या अपनी तरह से की।
मंत्री डॉ. शेजवार ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने नए सिरे से जांच का नहीं बोला। सिर्फ पारदर्शिता की दृष्टि से मौत के कारणों को सार्वजनिक करने को कहा है। इतनी लिबर्टी मिलने के बाद अफसरों ने विभाग के मंत्री की बात को भी दरकिनार कर दिया। अब चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन रवि श्रीवास्तव करते हैं कि हम रिपोर्ट सार्वजनिक कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि 19 फरवरी 2015 से 26 अप्रैल 2016 तक प्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है।
प्रेसनोट को रिपोर्ट बता रहे PCCF
हैरत की बात है कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन रवि श्रीवास्तव 18 अप्रैल को जनसंपर्क से जारी प्रेस नोट को विस्तृत रिपोर्ट बता रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ने 21 अप्रैल को रिपोर्ट सार्वजनिक करने की घोषणा की है। यानी रिपोर्ट मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले ही सार्वजनिक हो चुकी थी। ऐसे में मुख्यमंत्री की घोषणा पर सवाल उठते हैं। जबकि विभाग ने अपनी वेबसाइट पर अब तक कोई रिपोर्ट अपलोड नहीं की है।
किसने कब क्या कहा ...
कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने बाघों की मौत पर चिंता जताई है। उन्होंने बाघों की मौत की विस्तृत जांच कराकर पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा है। ताकि बाघों की मौत पर भ्रम की स्थिति न रहे।
नरोत्तम मिश्रा, सरकार के प्रवक्ता (21 अप्रैल)
मुख्यमंत्री ने जांच के लिए नहीं कहा है। उन्होंने कहा था कि मृत्यु के कारण सुनिश्चित होने चाहिए। पारदर्शिता होनी चाहिए। वेबसाइट पर मौत के कारणों को डाला जाए। अफसरों को सतर्क किया जाए। शिकार आदि को रोका जाए। हम रिपोर्ट देखेंगे और समझेंगे, उसके बाद सार्वजनिक करेंगे।
डॉ. गौरीशंकर शेजवार, मंत्री, वन विभाग (27 अप्रैल)
बाघों की मौत से जुड़ी तमाम रिपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं। अगले हफ्ते तक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।
नरेंद्र कुमार, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (8 मई)
हम प्रेसनोट (बयान) जारी कर बाघों की मौत से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक कर चुके हैं। अब कोई रिपोर्ट जारी नहीं होना है।
रवि श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वाइल्ड लाइफ)