भोपाल। मप्र शासन ने महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव के प्रावधान तो कर दिए लेकिन अब विभागीय अफसर महिला कर्मचारियों को छुट्टियां स्वीकृत करने से कतरा रहे हैं। नियमों में संशोधन कर लिया गया है। कुछ इस तरह ताकि महिलाओं के चाइल्ड केयर लीव वाले आवेदन अस्वीकार किए जा सकें।
शासन ने महिला अधिकारियों-कर्मचारियों को 700 दिन तक की चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान बनाया था, जिसके तहत वर्तमान में शिक्षा विभाग से करीब 500 आवेदन आए हैं। खास बात यह है कि इन आवेदनों में से एक को भी अवकाश नहीं दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक 500 आवेदनों में से एक को भी चाइल्ड केयर लीव न देने का कारण कॉलेजों की पढ़ाई प्रभावित होना बताया जा रहा है। चाइल्ड केयर लीव के नियम कड़े करते हुए शासन ने अवकाश स्वीकृति के लिए उच्च शिक्षा शिक्षा विभाग ने 8 बिंदु तय किए हैं।
इनमें पहले नंबर पर विकलांग और गंभीर बीमारी को रखा है। यानी जिन महिला प्रोफेसर्स के बच्चे विकलांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे, उन्हें सबसे पहले चाइल्ड केयर लीव दी जाएगी। इसके बाद विधवा, तलाकशुदा, विकलांग महिला अधिकारी, कर्मचारियों को छुट्टी में प्राथमिकता मिलेगी। विभाग ने इसमें यह भी प्रावधान रखा है कि एक जिले में 10 फीसदी से अधिक महिला प्रोफेसर्स को छुट्टी नहीं दी जाएगी।