भोपाल। औंकारेश्वर में जूता स्टेंड पर लगाई गई शिक्षकों की ड्यूटी का आदेश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया। पहले सरकार की ओर से शिक्षा राज्यमंत्री ने आदेश को निरस्त किया फिर कलेक्टर ने अपना आदेश वापस ले लिया। याद दिला दें कि यह मामला सबसे पहले भोपाल समाचार डॉट कॉम ने उठाया था।
खंडवा कलेक्टर के इस आदेश का विरोध सोशल मीडिया पर सुबह से ही शुरू हो गया था। दोपहर होते होते एक जागरुक शिक्षक ने भोपाल समाचार डॉट कॉम को इस मामले में ईमेल किया। भोपाल समाचार में इस मामले को प्राथमिकता के साथ उठाया गया। बस फिर क्या था, इस आदेश को लेकर देशभर में हल्ला हो गया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के हर बैनर पर इस मामले का जिक्र था। शाम होते होते शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने इस आदेश को निरस्त करने की घोषणा कर दी।
इस संबंध में जिला कलेक्टर ने आनन-फानन में सफाई दी है। कलेक्टर डॉ. महेश अग्रवाल ने कहा है कि सिंहस्थ में सभी सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने के दौरान कुछ शिक्षकों ने सेवा देने की लिखित में मांग की थी। जिसके हिसाब से शिक्षकों की ड्यूटी मंदिर गर्भ गृह के पास, बस स्टैंड, जूता-चप्पल स्टैंड और विभिन्न घाटों पर लगाई गई थी लेकिन शिक्षकों ने जब आपत्ति दर्ज कराई तो उनकी ड्यूटी चप्पल स्टैंड से हटा दी गई।
कलेक्टर डॉ. महेश अग्रवाल ने अपनी सफाई में कहा है कि चप्पल-जूते की निगरानी के लिए ठेकेदार के 100 से ज्यादा कर्मचारी ड्यटी कर रहे हैं। वहां से शिक्षकों की तैनाती हटा दी गई है।